तू आपनी जगा पे ठीक है ना
तू वायदा करके निभा ले ना
तू जाना पहचाना है लेकिन जाबाज़ बनके दिखा ले गा
जो मर्जी मेरी है वो खुदगरज्ज तेरी है
जिदगी जो जानी है बंदगी तो मानी है
अब तक कहे रहा था जिदगी से में तो डर रहा था
तू अपनी जगा पे ठीक है ना
तू वायदा करके निभा ले ना
आज जो हो रही वो साम हॉके गुजर रही
जिदगी से जाता रहा प्यार तुजसे करता रहा
नाराज होक हो रहा राजी करके प्यार करता रहा
तू अपनी जगा पे ठीक है ना
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