एक नेता की जुबानी
आज देश का जो युवा है वो युवा नही रह लेकिन युवा से भी आगे एक कदम और बढ़ गया है
(मतलब युवा युवा नही बल्कि उससे आगे बुढ़ापे में चला गया है)
आज जो भी देश मे हुवा वो में नही mediA कह रही है कि युवा ने वोट दिया लेकिन उसका काम नही किया
(मतलब युवा हो तो जो भी चाहे हो वो करना चाहे उसको लड़की क्यो न पत्नी हो)
देश की हालत तो देखो युवा से सहन न हो रही है
(मतलब देश मे युवा पढ़ते नही इसलिए बाहर पढ़ने चले जाते है सिर्फ यह पे सारे दिन खुमते रहते है)
વોટ જરૂર થઈ આપજો પણ તમારી કંપની માં રજા આપશે? હા સરકાર કે તો આપે પણ ખરેખર રજા નથી આપતા એ વાત સત્ય છે કે શું? કદાચ તમેને જ ખબર જે નોકરી કરતું હોય હ વોટ જરૂથી આપજો કરણકે તમારી પાસે ...
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