ऐसे तो हम नहीं है
जब तू नहीं है
ऐसे तो कुज भी नहीं है
जब हमसे हम नहीं है
फिरभी हमने सोचा ऐसा जेसे निकला दिल से लव
न सोच न कुज पाया , फिरभी लगा जेसे लव हो गया तुमसे तब
आज से हुई है तेरी न मेरी आजसे लगी है नींद में बहोशी
जिस तरह तू सोचे बस बन जावू पागल इस नींद में बागल
ऐसे तो हम नहीं है
जब तू नहीं है
ऐसे तो कुज भी नहीं है
जब हमसे हम नहीं है
Sahi kaha aapne simit bhai..
ReplyDelete