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एक नेता की जुबान

एक नेता की जुबान
अब कोई ऐसा नही कह शकता की देश मे जब भी कुज होता है तो हमारी पार्टी जिमेदार होती है अब कोई ऐसा कहेंगे कि हम कुज करनेबके लिए नही लेकिन कुज करके दिखाने के लिए हम आये है इसलिए तो जब भी कोई योजना होती है वह में पहोच जाता हूं ताकि पता तो चले कि लोगो के पैसे के सही तरह से use किया है हम इसलिए आपको बता ते है कि हमने ये काम किया है वरना पहले क्या होता था सबको पता है उससे में कहना चाहता हु लेकिन सब के सामने कहने की इच्छा नही है लेकिन भर भी कह देता हूं कि पहले और आज में क्या फर्क है पहले होता था होएगा और होगा लेकिन होता कुज नही था लेकिन आज होने के बाद कहते है कि है भैया ये तो हो गया mean पहले होने के पहले बोलते थे आज होने के बाद पहल होगा या नही होगा उसमे doubt था आज वो doubt क्लियर हो गया है
जब भी कोई मुझसे एक सामान्य मिलने आता है तो बोलता है कि सर एक बार मेरे घर पे आओ तब मैंने बोला में आऊंगा तो पूरा देश मुझको बोलेंगे की मेरे घर क्यो नही आये ईसा हो तो मेरे साथी को भेज दूंगा
क्या तब मुजे पता चला कि देश मे कैसे पता चलेगा कि जुठ क्या है और सच मेरे विरोडद्धि बोल रहे है कि में कु ज करता नही तब मुजे वो साथी की बात याद आयी कि घर पे आना तबसे में कही भी कोई भी सरकारी काम जो सरकार हमारी योजना ने बनाया है वहां पोहच जाता हूं तब से विरोधहि चुप हो गए है क्योंकि उनकी योजना सिर्फ कागज पे थी हमारी योजना लोगो तक है
जय हिन्द

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